Tag: Hindi Poems
जिंदगी फूस की झोपड़ी Jindagi phoos ki jhopadi रेत की नींव पर जो खड़ी है। पल दो पल है जगत का तमाशा, जैसे आकाश में फुलझ़ड़ी है। कोई तो …
तुम मृगनयनी Tum Mrignaynai तुम मृगनयनी, तुम पिकबयनी तुम छवि की परिणीता-सी, अपनी बेसुध मादकता में भूली-सी, भयभीता सी । तुम उल्लास भरी आई हो तुम आईं …
आदमी खोखले हैं Aadmi kokhle hai शहर लगते हैं मुझे आज भी जंगल की तरह। हमने सपने थे बुने इंद्रधनुष के जितने, चीथड़े हो गए सब विधवा के आँचल …
मैं कब से ढूँढ़ रहा हूँ Me kab se dhundh raha hu मैं कब से ढूँढ़ रहा हूँ अपने प्रकाश की रेखा तम के तट पर अंकित है …
आज मानव का Aaj manav ka आज मानव का सुनहला प्रात है, आज विस्मृत का मृदुल आघात है; आज अलसित और मादकता-भरे, सुखद सपनों से शिथिल यह गात …
तुम अपनी हो, जग अपना है Tum apno ho jag apna hai तुम अपनी हो, जग अपना है किसका किस पर अधिकार प्रिये फिर दुविधा का क्या काम …
मैं तुझसे प्रीत लगा बैठा Me tujhse preet laga betha तू चाहे चंचलता कह ले, तू चाहे दुर्बलता कह ले, दिल ने ज्यों ही मजबूर किया, मैं तुझसे प्रीत …
देखो-सोचो-समझो Dekho socho samjho देखो, सोचो, समझो, सुनो, गुनो औ’ जानो इसको, उसको, सम्भव हो निज को पहचानो लेकिन अपना चेहरा जैसा है रहने दो, जीवन की धारा …