Tag: Hindi Poems
कहते तो हो तुम सब कि बुत-ए-ग़ालिया-मू आए – ग़ालिब Kahte to ho tum sab ki But-e-Ghalibiya-mu aaye -Ghalib कहते तो हो तुम सब कि बुत-ए-ग़ालिया-मू आए यक मरतबा …
क्या तंग हम सितमज़दगां का जहान है – ग़ालिब Kya tan hum Sitamzadga ka jahan hai -Ghalib क्या तंग हम सितमज़दगां का जहान है जिस में कि एक बैज़ा-ए-मोर …
उग रहा है दर-ओ-दीवार से सबज़ा ग़ालिब – ग़ालिब Ugg raha hai dar-o-deevar se sabza Ghalib -Ghalib उग रहा है दर-ओ-दीवार से सबज़ा ग़ालिब हम बयाबां में हैं …
आमद-ए-सैलाब-ए-तूफ़न-ए सदाए आब है – ग़ालिब Aamda-e-selab-e-tufaan-e Sadae aab hai -Ghalib आमद-ए सैलाब-ए तूफ़ान-ए सदाए आब है नक़श-ए-पा जो कान में रखता है उंगली जादह से बज़्म-ए-मय वहशत-कदा …
‘असद’ हम वो जुनूँ-जौलाँ गदा-ए-बे-सर-ओ-पा हैं – ग़ालिब ‘Asad’ hum vo junu-jola gada-e-be-sar-o-pa hein -Ghalib ‘असद’ हम वो जुनूँ-जौलाँ गदा-ए-बे-सर-ओ-पा हैं कि है सर-पंजा-ए-मिज़्गान-ए-आहू पुश्त-ख़ार अपना Related posts: …
अफ़सोस कि दनदां का किया रिज़क़ फ़लक ने – ग़ालिब Afsos ki danda ka kiya rizak falak ne -Ghalib अफ़सोस कि दनदां का किया रिज़क़ फ़लक ने जिन …
अज़ मेहर ता-ब-ज़र्रा दिल-ओ-दिल है आइना – ग़ालिब Ajj mehar ta-b-zarra dil-o-dil hai aaina -Ghalib अज़ मेहर ता-ब-ज़र्रा दिल-ओ-दिल है आइना तूती को शश जिहत से मुक़ाबिल है …
बिजली सी कौंद गयी आँखों के आगे – ग़ालिब Bijli si Kond gayi aankhon ke aage -Ghalib बिजली सी कौंद गयी आँखों के आगे, तो क्या, बात करते …