Tag: Hindi Poems

Hindi Poem of Gopikrishan Gopesh “Roop ke badal”,”रूप के बादल” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

रूप के बादल Roop ke badal  रूप के बादल यहाँ बरसे कि यह मन हो गया गीला! चांद- बदली में छिपा तो बहुत भाया ज्यों किसी को- फिर किसी …

Hindi Poem of Gopikrishan Gopesh “Varsha ke megh kate”,”वर्षा के मेघ कटे” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

वर्षा के मेघ कटे  Varsha ke megh kate वर्षा के मेघ कटे- रहे-रहे आसमान बहुत साफ़ हो गया है, वर्षा के मेघ कटे! पेड़ों की छाँव ज़रा और हरी …

Hindi Poem of Gopal Singh Nepali “Muskurati rahi kamna”,”मुसकुराती रही कामना” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

मुसकुराती रही कामना  Muskurati rahi kamna तुम जलाकर दिये, मुँह छुपाते रहे, जगमगाती रही कल्पना रात जाती रही, भोर आती रही, मुसकुराती रही कामना चाँद घूँघट घटा का उठाता …

Hindi Poem of Gopal Singh Nepali “Do prani mile”,”दो प्राण मिले” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

दो प्राण मिले  Do prani mile दो मेघ मिले बोले-डोले, बरसाकर दो-दो बूँद चले । भौंरों को देख उड़े भौरें, कलियों को देख हँसी कलियाँ, कुंजों को देख निकुंज …

Hindi Poem of Gopal Singh Nepali “Yah laghu sarita ka bahata jal”,”यह लघु सरिता का बहता जल” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

यह लघु सरिता का बहता जल Yah laghu sarita ka bahata jal  यह लघु सरिता का बहता जल कितना शीतल, कितना निर्मल हिमगिरि के हिम से निकल निकल, यह …

Hindi Poem of Gopal Singh Nepali “Door jakar na koi bisara kare”,”दूर जाकर न कोई बिसारा करे” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

दूर जाकर न कोई बिसारा करे  Door jakar na koi bisara kare दूर जाकर न कोई बिसारा करे, मन दुबारा-तिबारा पुकारा करे, यूँ बिछड़ कर न रतियाँ गुज़ारा करे, …

Hindi Poem of Nida Fazli “  Besan ki sondhi roti par”,”बेसन की सोंधी रोटी पर” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

बेसन की सोंधी रोटी पर  Besan ki sondhi roti par   बेसन की सोंधी रोटी पर खट्टी चटनी जैसी माँ याद आती है चौका-बासन चिमटा फुकनी जैसी  माँ बाँस …

Hindi Poem of Gopal Singh Nepali “Vasant geet”,”वसंत गीत” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

वसंत गीत  Vasant geet ओ मृगनैनी, ओ पिक बैनी, तेरे सामने बाँसुरिया झूठी है! रग-रग में इतना रंग भरा, कि रंगीन चुनरिया झूठी है! मुख भी तेरा इतना गोरा, …