Tag: Hindi Poems
रूप के बादल Roop ke badal रूप के बादल यहाँ बरसे कि यह मन हो गया गीला! चांद- बदली में छिपा तो बहुत भाया ज्यों किसी को- फिर किसी …
वर्षा के मेघ कटे Varsha ke megh kate वर्षा के मेघ कटे- रहे-रहे आसमान बहुत साफ़ हो गया है, वर्षा के मेघ कटे! पेड़ों की छाँव ज़रा और हरी …
मुसकुराती रही कामना Muskurati rahi kamna तुम जलाकर दिये, मुँह छुपाते रहे, जगमगाती रही कल्पना रात जाती रही, भोर आती रही, मुसकुराती रही कामना चाँद घूँघट घटा का उठाता …
दो प्राण मिले Do prani mile दो मेघ मिले बोले-डोले, बरसाकर दो-दो बूँद चले । भौंरों को देख उड़े भौरें, कलियों को देख हँसी कलियाँ, कुंजों को देख निकुंज …
यह लघु सरिता का बहता जल Yah laghu sarita ka bahata jal यह लघु सरिता का बहता जल कितना शीतल, कितना निर्मल हिमगिरि के हिम से निकल निकल, यह …
दूर जाकर न कोई बिसारा करे Door jakar na koi bisara kare दूर जाकर न कोई बिसारा करे, मन दुबारा-तिबारा पुकारा करे, यूँ बिछड़ कर न रतियाँ गुज़ारा करे, …
बेसन की सोंधी रोटी पर Besan ki sondhi roti par बेसन की सोंधी रोटी पर खट्टी चटनी जैसी माँ याद आती है चौका-बासन चिमटा फुकनी जैसी माँ बाँस …
वसंत गीत Vasant geet ओ मृगनैनी, ओ पिक बैनी, तेरे सामने बाँसुरिया झूठी है! रग-रग में इतना रंग भरा, कि रंगीन चुनरिया झूठी है! मुख भी तेरा इतना गोरा, …