Tag: Hindi Poems
कबिरा तेरी चादरिया -अजय पाठक Kabira Teri Chadariya – Ajay Pathak कबिरा तेरी चादरिया का, जर्जर ताना बाना देखा। मंदिर की हठधर्मी देखी, मस्जिद का ढह जाना देखा। …
अनुबंध -अजय पाठक Anubandh – Ajay Pathak रिश्तों ने बाँधा है जब से अनुबंध में, रंग नए दिखते हैं, गीतों में छंद में। शब्द सभी अनुभव के अनुगामी …
सफलता खोज लूँगा -अजय पाठक Safalta khoj lunga – Ajay Pathak तुम मुझे दुख-दर्द की सारी विकलता सौंप देना, मैं घने अवसाद में अपनी सफलता खोज लूँगा! मैं …
गाँव -अजय पाठक Gaun – Ajay Pathak पगडंडी पर छाँवों जैसा कुछ भी नही दिखा, गाँवों में अब गाँवों जैसा कुछ भी नहीं दिखा। कथनी सबकी कड़वी-कड़वी, करनी …
कुछ तेरे, कुछ मेरे -अजय पाठक Kuch Tere, Kuch Mere – Ajay Pathak अंतर्मन के भोज पत्र पर, गीत लिखे बहुतेरे सजनी, कुछ तेरे, कुछ मेरे. . . …
बूढ़े हुए कबीर -अजय पाठक Budhe Hue Kabir – Ajay Pathak बूढ़े हुए कबीर आजकल ऊँचा सुनते हैं। आंखो से है साफ झलकती भीतर की बेचैनी हुए अकारथ …
बंधक सुबहें – अजय पाठक Bandhak Subhe – Ajay Pathak बंधक सुबहें गिरवी अपनी साँझ दुपहरी है । बड़ी देर तक रात व्यथा से कर सोये संवाद, रोटी …
मेरे देश की आँखें – अज्ञेय Mere Desh Ki Aankhe -Agyey नहीं, ये मेरे देश की आँखें नहीं हैं पुते गालों के ऊपर नकली भवों के नीचे छाया …