Tag: Hindi Poems
चीथड़े में हिन्दुस्तान – दुष्यंत कुमार Chithade me Hindustan – Dushyant Kumar एक गुडिया की कई कठपुतलियों में जान है, आज शायर ये तमाशा देख कर हैरान है। …
मत कहो आकाश में कोहरा घना है – दुष्यंत कुमार Mat Kaho Aakash mein kohra Ghana hai – Dushyant Kumar मत कहो आकाश में कोहरा घना है, यह …
मेरे स्वप्न तुम्हारे पास सहारा पाने आयेंगे – दुष्यंत कुमार Mere Swapn Tumhare Paas sahara pane aayenge – Dushyant Kumar मेरे स्वप्न तुम्हारे पास सहारा पाने आयेंगे इस बूढे …
अब तो पथ यही है – दुष्यंत कुमार Ab to path yahi hai – Dushyant Kumar जिंदगी ने कर लिया स्वीकार, अब तो पथ यही है| अब उभरते ज्वार का …
गांधीजी के जन्मदिन पर – दुष्यंत कुमार Gandhi Ji ke janamdin par – Dushyant Kumar मैं फिर जनम लूंगा फिर मैं इसी जगह आउंगा उचटती निगाहों की भीड़ …
हो गई है पीर पर्वत – दुष्यंत कुमार Ho Gai He Peer parvat – Dushyant Kumar हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए इस हिमालय से कोई गंगा …
स्वप्न झरे फूल से, मीत चुभे शूल से -गोपालदास नीरज Swapn jhare phool se meet chubhe shool se –Gopaldas Neeraj स्वप्न झरे फूल से, मीत चुभे शूल से लुट …
मुस्कुराकर चल मुसाफिर -गोपालदास नीरज Muskurakar chal musafir –Gopaldas Neeraj पंथ पर चलना तुझे तो मुस्कुराकर चल मुसाफिर! वह मुसाफिर क्या जिसे कुछ शूल ही पथ के थका दें? …