Tag: Hindi Poems
आगे बढ़े चलेंगे – रामनरेश त्रिपाठी Aage badhe Chalenge – Ramnaresh Tripathi यदि रक्त बूँद भर भी होगा कहीं बदन में नस एक भी फड़कती होगी समस्त तन …
अन्वेषण – रामनरेश त्रिपाठी Anveshan – Ramnaresh Tripathi मैं ढूँढता तुझे था, जब कुंज और वन में। तू खोजता मुझे था, तब दीन के सदन में॥ तू ‘आह’ …
हे प्रभु आनंददाता – रामनरेश त्रिपाठी He prabhu Anannd Data – Ramnaresh Tripathi हे प्रभु आनंददाता ज्ञान हमको दीजिये, शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिए, लीजिये हमको …
वह देश कौन-सा है – रामनरेश त्रिपाठी Vah Desh kon sa hai – Ramnaresh Tripathi मन मोहनी प्रकृति की गोद में जो बसा है। सुख स्वर्ग-सा जहाँ है वह …
कान्ह भये बस बाँसुरी के -रसखान Kanha bhaye bas bansuri ke -Raskhan कान्ह भये बस बाँसुरी के, अब कौन सखी हमको चहिहै। निसि द्यौस रहे यह आस लगी, …
जा दिनतें निरख्यौ नँद-नंदन -रसखान Ja Dinte nirkhyo nand-nandan -Raskhan जा दिनतें निरख्यौ नँद-नंदन, कानि तजी घर बन्धन छूट्यो। चारु बिलोकनिकी निसि मार, सँभार गयी मन मारने लूट्यो॥ …
आवत है वन ते मनमोहन -रसखान Aavat hai ban te manmohan -Raskhan आवत है वन ते मनमोहन, गाइन संग लसै ब्रज-ग्वाला । बेनु बजावत गावत गीत, अभीत इतै …
मोरपखा सिर ऊपर राखिहौं -रसखान Morpakha sir upar rakhiho -Raskhan मोरपखा सिर ऊपर राखिहौं, गुंज की माल गरे पहिरौंगी। ओढ़ि पितम्बर लै लकुटी, बन गोधन ग्वारन संग फिरौंगी।। …