Tag: Hindi Poems
छिनाय गयो हमरो ही नाम Chinay gyo hamro hi naam आजु तो न्योति के बिठाई रे कन्या हलवा पूरी औ’पान सोई बिटेवा,परायी अमानत, चैन गा सब का पलान! …
जन्म Janam यवनिकाओं खिंचे रहस्यलोक में ढल रहीं अजानी आकृति की निरंतर उठा-पटक, जीवन खींचता विकसता अंकुर कितनी भूमिकाओं का निर्वाह एक साथ नए जन्म की पूर्व-पीठिका . …
अश्वत्थामा Ashwathama जरा सा घी दे दे माई!जरा सा माई दे दे घी! मारता टीस घाव मेरा! प्रभू कल्याण करे तेरा! जरा सा.. घरनिया निकली घर में से, …
प्रथम छंद Pratham chand वह प्रथम छंद, बह चला उमड़ कर अनायास सब तोड़ बंध, ऋषि के स्वर में वह लोक-जगत का आदि छंद! जब तपोथली में जन-जीवन …
काँवरिया Kavariya सावन महीना बम्भोले को हिये धारि त्यागि गृह साधु-भेस धारै है कँवरिया! फूलन-बसन सों रुच-रुच सजी निहारि ग्राम-जुवती बढ़ि आई राह कोर पे, काँवर की सोभा …
चंदन क फूल Chandan ka Phool चँदन केर बिरवा मइया तोरे अँगना कइस होई चँदन क फूल! कनिया रहिल माई बाबा से कहलीं, लेइ चलो मइया के दुआर! …
भैरवी हूँ! Bheravi hu उठो भैरव, मैं तुम्हारी भैरवी हूँ! यह जगत जो कर्म का पर्याय होता, और जो कि प्रबुद्ध जीवन-मर्म का समवाय होता, रह गया है …
गंगिया री, अति दूर समुन्दर Gangiya ri ati door samunder नैहर की सुधि आई, हो गंगिया नैहर की सुधि आई! बिछुड़ गईं सब बारी भोरी! संग सहिलियां आपुन …