Tag: Hindi Poems
निरंजन धन तुम्हरो दरबार -कबीर Niranjan Dhan Tumharo Darbar -Kabir ke dohe निरंजन धन तुम्हरो दरबार । जहाँ न तनिक न्याय विचार ।। रंगमहल में बसें मसखरे, पास …
मन ना रँगाए, रँगाए जोगी कपड़ा -कबीर Man na rangaye, rangaye jogi kapda -Kabir ke dohe मन ना रँगाए, रँगाए जोगी कपड़ा ।। आसन मारि मंदिर में बैठे, …
साधो ये मुरदों का गांव -कबीर Saadho ye murdo ka ganv -Kabir ke dohe साधो ये मुरदों का गांव पीर मरे पैगम्बर मरिहैं मरि हैं जिन्दा जोगी राजा मरिहैं …
सुपने में सांइ मिले -कबीर Supne mein sai mile -Kabir ke dohe सुपने में सांइ मिले सोवत लिया लगाए आंख न खोलूं डरपता मत सपना है जाए सांइ मेरा …
माया महा ठगनी हम जानी -कबीर Maya maha thagni ham jani -Kabir ke dohe माया महा ठगनी हम जानी।। तिरगुन फांस लिए कर डोले बोले मधुरे बानी।। केसव के …
मेरी चुनरी में परिगयो दाग पिया -कबीर Meri chunari me parigyo daag piya -Kabir ke dohe मेरी चुनरी में परिगयो दाग पिया। पांच तत की बनी चुनरिया सोरह सौ …
कौन ठगवा नगरिया लूटल हो -कबीर Kon Thagva nagriya lootal ho -Kabir ke dohe कौन ठगवा नगरिया लूटल हो ।। चंदन काठ के बनल खटोला ता पर दुलहिन सूतल …
गगन दमामा बाजिया, पड्या निसानैं घाव -कबीर Gagan damama bajayi paiya insane ghav -Kabir ke dohe गगन दमामा बाजिया, पड्या निसानैं घाव । खेत बुहार्या सूरिमै, मुझ मरणे का …