Tag: Hindi Poems

Hindi Poem of Nida Fazli “  Kuch tabiyat hi mili thi”,”कुछ तबीयत ही मिली थी” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

कुछ तबीयत ही मिली थी  Kuch tabiyat hi mili thi   कुछ तबीयत ही मिली थी ऐसी चैन से जीने की सूरत ना हुई जिसको चाहा उसे अपना ना …

Hindi Poem of Gopal Singh Nepali “Ek rubai”,”एक रुबाई” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

एक रुबाई  Ek rubai अफ़सोस नहीं इसका हमको, जीवन में हम कुछ कर न सके, झोलियाँ किसी की भर न सके, सन्ताप किसी का हर न सके, अपने प्रति …

Hindi Poem of Nida Fazli “  Me apne ikhtiyar me hu bhi nahi bhi hu”,”मैं अपने इख़्तियार में हूँ भी नहीं भी हूँ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

मैं अपने इख़्तियार में हूँ भी नहीं भी हूँ  Me apne ikhtiyar me hu bhi nahi bhi hu   मैं अपने इख़्तियार में हूँ भी नहीं भी हूँ दुनिया …

Hindi Poem of Gopal Singh Nepali “Yugantar”,”युगांतर” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

युगांतर  Yugantar अरे युगांतर, आ जल्दी अब खोल, खोल मेरा बंधन बंधा हुआ इन जंजीरों से तड़प रहा कब से जीवन देख, कटी पाँखें कैंची से उड़ सकता न …

Hindi Poem of Nida Fazli “  Kisi bhi shahar me jao”,”किसी भी शहर में जाओ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

किसी भी शहर में जाओ  Kisi bhi shahar me jao   किसी भी शहर में जाओ कहीं क़याम करो कोई फ़ज़ा कोई मंज़र किसी के नाम करो. दुआ सलाम …

Hindi Poem of Nida Fazli “  Apna gam leke kahi aur na jaya jaye”,”अपना ग़म लेके कहीं और न जाया जाये” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

अपना ग़म लेके कहीं और न जाया जाये  Apna gam leke kahi aur na jaya jaye   अपना ग़म लेके कहीं और न जाया जाये घर में बिखरी हुई …

Hindi Poem of Nida Fazli “  Kath putli he ya jeevan he”,”कठ-पुतली है या जीवन है” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

कठ-पुतली है या जीवन है  Kath putli he ya jeevan he   कठ-पुतली है या जीवन है जीते जाओ सोचो मत सोच से ही सारी उलझन है जीते जाओ …

Hindi Poem of Nida Fazli “  Apni marji se kaha apne safar ke hum he”,”अपनी मर्ज़ी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैं” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

अपनी मर्ज़ी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैं  Apni marji se kaha apne safar ke hum he   अपनी मर्ज़ी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैं रुख़ …