Tag: Hindi Poems
कुछ तबीयत ही मिली थी Kuch tabiyat hi mili thi कुछ तबीयत ही मिली थी ऐसी चैन से जीने की सूरत ना हुई जिसको चाहा उसे अपना ना …
एक रुबाई Ek rubai अफ़सोस नहीं इसका हमको, जीवन में हम कुछ कर न सके, झोलियाँ किसी की भर न सके, सन्ताप किसी का हर न सके, अपने प्रति …
मैं अपने इख़्तियार में हूँ भी नहीं भी हूँ Me apne ikhtiyar me hu bhi nahi bhi hu मैं अपने इख़्तियार में हूँ भी नहीं भी हूँ दुनिया …
युगांतर Yugantar अरे युगांतर, आ जल्दी अब खोल, खोल मेरा बंधन बंधा हुआ इन जंजीरों से तड़प रहा कब से जीवन देख, कटी पाँखें कैंची से उड़ सकता न …
किसी भी शहर में जाओ Kisi bhi shahar me jao किसी भी शहर में जाओ कहीं क़याम करो कोई फ़ज़ा कोई मंज़र किसी के नाम करो. दुआ सलाम …
अपना ग़म लेके कहीं और न जाया जाये Apna gam leke kahi aur na jaya jaye अपना ग़म लेके कहीं और न जाया जाये घर में बिखरी हुई …
कठ-पुतली है या जीवन है Kath putli he ya jeevan he कठ-पुतली है या जीवन है जीते जाओ सोचो मत सोच से ही सारी उलझन है जीते जाओ …
अपनी मर्ज़ी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैं Apni marji se kaha apne safar ke hum he अपनी मर्ज़ी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैं रुख़ …