Tag: Hindi Poems
नयी-नयी कोपलें -माखन लाल चतुर्वेदी Nayi-Nayi kople – Makhan Lal Chaturvedi नयी-नयी कोपलें, नयी कलियों से करती जोरा-जोरी चुप बोलना, खोलना पंखुड़ि, गंध बह उठा चोरी-चोरी। उस सुदूर …
घर मेरा है? -माखन लाल चतुर्वेदी Ghar mera hai – Makhan Lal Chaturvedi क्या कहा कि यह घर मेरा है? जिसके रवि उगें जेलों में, संध्या होवे वीरानों …
मधुर-मधुर कुछ गा दो मालिक -माखन लाल चतुर्वेदी Madhur-Madhur kuch ga do malik – Makhan Lal Chaturvedi मधुर-मधुर कुछ गा दो मालिक! प्रलय-प्रणय की मधु-सीमा में जी का विश्व …
उस प्रभात, तू बात न माने -माखन लाल चतुर्वेदी Us Prabhat, tu baat na mane – Makhan Lal Chaturvedi उस प्रभात, तू बात न माने, तोड़ कुन्द कलियाँ …
मैं अपने से डरती हूँ सखि -माखन लाल चतुर्वेदी Mein apne se darti hu sakhi – Makhan Lal Chaturvedi मैं अपने से डरती हूँ सखि ! पल पर …
जागना अपराध -माखन लाल चतुर्वेदी Jagna Apradha – Makhan Lal Chaturvedi जागना अपराध! इस विजन – वन गोद में सखि, मुक्ति – बन्धन – मोद में सखि, विष …
क्या आकाश उतर आया है -माखन लाल चतुर्वेदी Kya Aakash utar aaya hai – Makhan Lal Chaturvedi क्या आकाश उतर आया है, दूबों के दरबार में, नीली भूमि …
मचल मत, दूर-दूर, ओ मानी -माखन लाल चतुर्वेदी Machal mat, door-door, or mani – Makhan Lal Chaturvedi मचल मत, दूर-दूर, ओ मानी ! उस सीमा-रेखा पर जिसके ओर …