Tag: Hindi Poems

Hindi Poem of Suryakant Tripathi “Nirala” “Bharati Vandana ”, “भारती वन्दना” Complete Poem for Class 10 and Class 12

भारती वन्दना -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला Bharati Vandana – Suryakant Tripathi “Nirala”   भारती, जय, विजय करे कनक – शस्य – कमल धरे! लंका पदतल – शतदल गर्जितोर्मि सागर – …

Hindi Poem of Suryakant Tripathi “Nirala” “Mara Hu Hajar Maran”, “मरा हूँ हज़ार मरण” Complete Poem for Class 10 and Class 12

मरा हूँ हज़ार मरण -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला Mara Hu Hajar Maran – Suryakant Tripathi “Nirala” मरा हूँ हज़ार मरण पाई तब चरण-शरण । फैला जो तिमिर जाल कट-कटकर रहा …

Hindi Poem of Suryakant Tripathi “Nirala” “Var De Vinavadini var de”, “वर दे वीणावादिनी वर दे !” Complete Poem for Class 10 and Class 12

वर दे वीणावादिनी वर दे ! -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला Var De Vinavadini var de – Suryakant Tripathi “Nirala”   वर दे, वीणावादिनि वर दे ! प्रिय स्वतंत्र-रव अमृत-मंत्र नव …

Hindi Poem of Suryakant Tripathi “Nirala” “Ve Kisan Ki nayi bahu ki Aankhen ”, “वे किसान की नयी बहू की आँखें” Complete Poem for Class 10 and Class 12

वे किसान की नयी बहू की आँखें -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला Ve Kisan Ki nayi bahu ki Aankhen – Suryakant Tripathi “Nirala”   नहीं जानती जो अपने को खिली हुई …

Hindi Poem of Suryakant Tripathi “Nirala” “Mukti ”, “मुक्ति” Complete Poem for Class 10 and Class 12

मुक्ति -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला Mukti – Suryakant Tripathi “Nirala” तोड़ो, तोड़ो, तोड़ो कारा पत्थर, की निकलो फिर, गंगा-जल-धारा! गृह-गृह की पार्वती! पुनः सत्य-सुन्दर-शिव को सँवारती उर-उर की बनो आरती!– …

Hindi Poem of Suryakant Tripathi “Nirala” “Prapti ”, “प्राप्ति ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

प्राप्ति -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला Prapti – Suryakant Tripathi “Nirala”   तुम्हें खोजता था मैं, पा नहीं सका, हवा बन बहीं तुम, जब मैं थका, रुका। मुझे भर लिया तुमने …

Hindi Poem of Suryakant Tripathi “Nirala” “Van Bela ”, “वन बेला ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

वन बेला -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला Van Bela – Suryakant Tripathi “Nirala”   वर्ष का प्रथम पृथ्वी के उठे उरोज मंजु पर्वत निरुपम किसलयों बँधे, पिक भ्रमर-गुंज भर मुखर प्राण …

Hindi Poem of Suryakant Tripathi “Nirala” “Priya Yamini Jagi ”, “प्रिय यामिनी जागी ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

प्रिय यामिनी जागी -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला Priya Yamini Jagi – Suryakant Tripathi “Nirala”   प्रिय यामिनी जागी। अलस पंकज-दृग अरुण-मुख तरुण-अनुरागी। खुले केश अशेष शोभा भर रहे, पृष्ठ-ग्रीवा-बाहु-उर पर …