Tag: Hindi Poems

Hindi Poem of Gopal Singh Nepali “Sarita”,”सरिता” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

सरिता  Sarita यह लघु सरिता का बहता जल कितना शीतल¸ कितना निर्मल¸ हिमगिरि के हिम से निकल–निकल¸ यह विमल दूध–सा हिम का जल¸ कर–कर निनाद कल–कल¸ छल–छल बहता आता …

Hindi Poem of Nida Fazli “  Aaj jara fursat pai thi”,”आज ज़रा फ़ुर्सत पाई थी” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

आज ज़रा फ़ुर्सत पाई थी  Aaj jara fursat pai thi   आज ज़रा फ़ुर्सत पाई थी आज उसे फिर याद किया बंद गली के आख़िरी घर को खोल के …

Hindi Poem of Nida Fazli “  Jaha na teri mahak ho udhar na jau me”,”जहाँ न तेरी महक हो उधर न जाऊँ मैं” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

जहाँ न तेरी महक हो उधर न जाऊँ मैं  Jaha na teri mahak ho udhar na jau me   जहाँ न तेरी महक हो उधर न जाऊँ मैं मेरी …

Hindi Poem of Gopal Singh Nepali “Us Paar”,”उस पार” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

उस पार  Us Paar उस पार कहीं बिजली चमकी होगी जो झलक उठा है मेरा भी आँगन । उन मेघों में जीवन उमड़ा होगा उन झोंकों में यौवन घुमड़ा …

Hindi Poem of Gopal Singh Nepali “Kavi ki barasganth”,”कवि की बरसगाँठ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

कवि की बरसगाँठ  Kavi ki barasganth उन्तीस वसन्त जवानी के, बचपन की आँखों में बीते झर रहे नयन के निर्झर, पर जीवन घट रीते के रीते बचपन में जिसको …

Hindi Poem of Nida Fazli “  Ikrarnama”,”इक़रारनामा” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

इक़रारनामा  Ikrarnama   (शीला किणी के लिए) ये सच है जब तुम्हारे जिस्म के कपड़े भरी महफ़िल में छीने जा रहे थे उस तमाशे का तमाशाई था मैं भी …

Hindi Poem of Gopal Singh Nepali “Chopati ka suryast”,”चौपाटी का सूर्यास्त” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

चौपाटी का सूर्यास्त  Chopati ka suryast यह रंगों का जाल सलोना, यह रंगों का जाल किरण-किरण में फहराता है नयन-नयन में लहराता है चिड़ियों-सा उड़ता आता है यह रंगों …

Hindi Poem of Nida Fazli “  Masjido mandiro ki duniya me”,”मस्जिदों-मन्दिरों की दुनिया में” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

मस्जिदों-मन्दिरों की दुनिया में  Masjido mandiro ki duniya me   मस्जिदों-मन्दिरों की दुनिया में मुझको पहचानते कहाँ हैं लोग रोज़ मैं चांद बन के आता हूँ दिन में सूरज …