Tag: Hindi Poems

Hindi Poem of Naresh Saksena “  Use le gye”,”उसे ले गए” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

उसे ले गए  Use le gye   अरे कोई देखो मेरे आंगन में कट कर गिरा मेरा नीम गिरा मेरी सखियों का झूलना बेटे का पलना गिरा गिरी उसकी …

Hindi Poem of Gopal sing Nepali “ Darshan do ghanshyam nath mori ankhiya pyasi re” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी अँखियाँ प्यासी रे  Darshan do ghanshyam nath mori ankhiya pyasi re दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी अँखियाँ प्यासी रे ।। मंदिर-मंदिर मूरत तेरी, फिर …

Hindi Poem of Naresh Saksena “  Daag dhabbe”,”दाग-धब्बे” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

दाग-धब्बे  Daag dhabbe   दाग-धब्बे साफ-सुथरी जगहों पर आना चाहते हैं जहाँ कहीं भी कुछ होने को होता है भले ही हत्या होनी हो किसी की दाग-धब्बे प्रकट होने …

Hindi Poem of Gopal sing Nepali “Yah diya bujhe nahi”,”यह दिया बुझे नहीं” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

यह दिया बुझे नहीं  Yah diya bujhe nahi घोर अंधकार हो, चल रही बयार हो, आज द्वार–द्वार पर यह दिया बुझे नहीं यह निशीथ का दिया ला रहा विहान …

Hindi Poem of Naresh Saksena “  Chah December”,”छह दिसंबर” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

छह दिसंबर  Chah December   इतिहास के बहुत से भ्रमों में से एक यह भी है कि महमूद ग़ज़नवी लौट गया था लौटा नहीं था वह यहीं था सैंकड़ों …

Hindi Poem of Gopal sing Nepali “Mera dhan he swadheen kalam ”,”मेरा धन है स्वाधीन क़लम” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

मेरा धन है स्वाधीन क़लम Mera dhan he swadheen kalam  राजा बैठे सिंहासन पर, यह ताजों पर आसीन क़लम मेरा धन है स्वाधीन क़लम जिसने तलवार शिवा को दी …

Hindi Poem of Naresh Saksena “  Dekhta hu andhere me andhera”,”देखता हूँ अँधेरे में अँधेरा” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

देखता हूँ अँधेरे में अँधेरा  Dekhta hu andhere me andhera   लाल रोशनी न होने का अँधेरा नीली रोशनी न होने के अँधेरे से अलग होता है इसी तरह …

Hindi Poem of Gopal sing Nepali “Himalaya aur hum”,”हिमालय और हम” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

हिमालय और हम  Himalaya aur hum (1) इतनी ऊँची इसकी चोटी कि सकल धरती का ताज यही । पर्वत-पहाड़ से भरी धरा पर केवल पर्वतराज यही ।। अंबर में …