Tag: Hindi Poems
घास Ghas बस्ती वीरानों पर यकसाँ फैल रही है घास उससे पूछा क्यों उदास हो, कुछ तो होगा खास कहाँ गए सब घोड़े, अचरज में डूबी है घास …
मेरी दुल्हन सी रातों को … Meri dulhan si rato ko बदनाम रहे बटमार मगर, घर तो रखवालों ने लूटा मेरी दुल्हन सी रातों को, नौलाख सितारों ने लूटा …
काँक्रीट Concrete आपस में सट कर फूटी कलियाँ एक दूसरे के खिलने के लिए जगह छोड़ देती हैं जगह छोड़ देती हैं गिट्टियाँ आपस में चाहे जितना सटें …
प्रार्थना बनी रही Prarthna bani rahi रोटियाँ ग़रीब की प्रार्थना बनी रही एक ही तो प्रश्न है रोटियों की पीर का पर उसे भी आसरा आँसुओं के नीर का …
अच्छे बच्चे Ache bache कुछ बच्चे बहुत अच्छे होते हैं वे गेंद और ग़ुब्बारे नहीं मांगते मिठाई नहीं मांगते ज़िद नहीं करते और मचलते तो हैं ही नहीं …
स्वतंत्रता का दीपक Swantrata ka deepak घोर अंधकार हो, चल रही बयार हो, आज द्वार द्वार पर यह दिया बुझे नहीं। यह निशीथ का दिया ला रहा विहान है …
औकात Aukat वे पत्थरों को पहनाते हैं लंगोट पौधों को चुनरी और घाघरा पहनाते हैं वनों, पर्वतों और आकाश की नग्नता से होकर आक्रांत तरह-तरह से अपनी अश्लीलता …
गरीब का सलाम ले Garib ka salam le कर्णधार तू बना तो हाथ में लगाम ले क्राँति को सफल बना नसीब का न नाम ले भेद सर उठा रहा …