Tag: Hindi Poems

Hindi Poem of Divik Ramesh “Apne apne dere”,”अपने अपने डेरे” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

अपने अपने डेरे  Apne apne dere हैरान थी हिन्दी। उतनी ही सकुचाई लजायी सहमी सहमी सी खड़ी थी साहब के कमरे के बाहर इज़ाजत माँगती माँगती दुआ पी.ए. साहब …

Hindi Poem of Naresh Saksena “  Ajeeb baat”,”अजीब बात” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

अजीब बात  Ajeeb baat   जगहें खत्म हो जाती हैं जब हमारी वहॉं जाने की इच्छाएं खत्म हो जाती हैं लेकिन जिनकी इच्छाएं खत्म हो जाती हैं वे ऐसी …

Hindi Poem of Naresh Saksena “  Darar”,”दरार” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

दरार  Darar   ख़त्म हुआ ईंटों के जोड़ों का तनाव प्लास्टर पर उभर आई हल्की-सी मुस्कान दौड़ी-दौड़ी चीटियाँ ले आईं अपना अन्न-जल फूटने लगे अंकुर जहाँ था तनाव वहाँ …

Hindi Poem of Divik Ramesh “Kuch nahi kahte”,”कुछ नहीं कहते” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

कुछ नहीं कहते  Kuch nahi kahte मैंने कहा मज़ाक बन गया है देश। उसने कहा तो तैयार हो जाओ जेल के लिए मैंने कहा मज़ाक बना दिया गया है …

Hindi Poem of Naresh Saksena “ Piche chuti hui chije ”,”पीछे छूटी हुई चीज़ें” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

पीछे छूटी हुई चीज़ें Piche chuti hui chije    बिजलियों को अपनी चमक दिउखाने की इतनी जल्दी मचती थी कि अपनी आवाज़ें पीछे छोड़ आती थीं आवाज़ें आती थीं …

Hindi Poem of Divik Ramesh “Mere bhi hatho me”,”मेरे भी हाथों में” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

मेरे भी हाथों में  Mere bhi hatho me मैं अंगूठा छाप होश तक नहीं जिसे बढ़े हुए नाखूनों का पीढ़ी दर पीढ़ी रह रहा है जो शरण में आपकी… …

Hindi Poem of Divik Ramesh “Kisne kaha hoga”,”किसने कहा होगा?” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

किसने कहा होगा?  Kisne kaha hoga तुम मुझे खून मत दो मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा। ऐसा न सुभाष ने कहा न गाँधी ने। तब किसने कहा होगा? मारा मारा …

Hindi Poem of Naresh Saksena “  Tum vahi man ho ki koi dusre ho”,”तुम वही मन हो कि कोई दूसरे हो” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

तुम वही मन हो कि कोई दूसरे हो  Tum vahi man ho ki koi dusre ho   कल तुम्हें सुनसान अच्छा लग रहा था आज भीड़ें भा रही हैं …