Tag: Hindi Poems
दैत्य ने कहा Detya ne kaha दैत्य ने कहा — मैं घोषणा करता हूँ कि आज से सब स्वतंत्र हैं कि सब ले सकते हैं आज से भुनते हुए …
आँख भर देखा कहाँ Aankh bhar dekha kaha आँख भर देखा कहाँ, आँख भर आई। अटकी ही रही दीठ वह हिमगिरी-भाल-पीठ मेरे ही आँसू के झीने पट ओट …
हैरान थी हिन्दी Heran thi Hindi हैरान थी हिन्दी उतनी ही सकुचाई लजाई सहमी-सहमी-सी खड़ी थी साहब के कमरे के बाहर इजाज़त माँगती माँगती दुआ पी०ए० साहब की तनिक …
बेंदी Bendi उगी गोरे भला पर बेंदी! एक छोटे दायरे में लालिमा इतनी बिथुरती, बांध किसने दी। नहा केसर के सरोवर में, ज्यों गुलाबी चांद उग आया। अनछुई-सी …
सलमा चाची Salma chachi पड़ोस में ही रहती हैं सलमा चाची और चाची की जुबान में तीन-तीन सांडनी-सी बेटियाँ। सलमा चाची हमने तो सुना नहीं कभी याद भी करती …
ध्रुव तारा Dhruv tara एक लघु विश्वास का तारा सदा उत्तर में उगा रहता किसी भी प्रश्न के जो छोड जाती कूल पर आकाश के तम-वाहिनी आलोक की …
माँ गाँव में है Maa gaun me he चाहता था आ बसे माँ भी यहाँ, इस शहर में। पर माँ चाहती थी आए गाँव भी थोड़ा साथ में जो …
पीले मील Pile mil खिली सरसों, आँख के उस पार, कितने मील पीले हो गए? अंकुरों में फूट उठता हर्ष, डूब कर उन्माद में प्रति वर्ष, पूछता है …