Tag: Hindi Poems

Hindi Poem of Jagdish Gupt “  Khili sarso”,”खिली सरसो” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

खिली सरसो  Khili sarso   खिली सरसों, आँख के उस पार, कितने मील पीले हो गए? अंकुरों में फूट उठता हर्ष, डूब कर उन्माद में प्रतिवर्ष, पूछता है प्रश्न …

Hindi Poem of Jagdish Gupt “  Saanjh kavita”,”सांझ(कविता)” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

सांझ(कविता)  Saanjh kavita   जिस दिन से संज्ञा आई छा गई उदासी मन में, ऊषा के दृग खुलते ही हो गई सांझ जीवन में। मुँह उतर गया है दिन …

Hindi Poem of Jagdish Gupt “  Suna he kabhi tumne rango ko”,”सुना है कभी तुमने रंगों को” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

सुना है कभी तुमने रंगों को  Suna he kabhi tumne rango ko   कभी-कभी उजाले का आभास अंधेरे के इतने क़रीब होता है कि दोनों को अलग-अलग पहचान पाना …

Hindi Poem of Jagdish Gupt “  Bathuye ki patti, munge jesi bal”,”बथुए की पत्ती, मूंगे जैसी बाल” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

बथुए की पत्ती, मूंगे जैसी बाल  Bathuye ki patti, munge jesi bal   पौधों में उभरा सीताओं का रूप पछुआ के झोंकों से हिल उठती धूप बैंगनी-सफ़ेद बूटियों की …

Hindi Poem of Jagdish Gupt “  Ghati ki chinta”,”घाटी की चिन्ता” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

घाटी की चिन्ता  Ghati ki chinta   सरिता जल में पैर डाल कर आँखें मूंदे, शीश झुकाए सोच रही है कब से बादल ओढ़े घाटी। कितने तीखे अनुतापों को …

Hindi Poem of Divik Ramesh “Shamsher ki kavita”,” शमशेर की कविता” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

शमशेर की कविता  Shamsher ki kavita छुइए मगर हौले से कि यह कविता शमशेर की है । और यह जो एक-आध पाँखुरी बिखरी सी पड़ी है न? इसे भी …

Hindi Poem of Jagdish Gupt “ Chayabhas”,”छायाभास” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

छायाभास  Chayabhas   बचपन में काग़ज़ पर स्याही की बूंद डाल कोने को मोड़ कर छापा बनाया जैसा रूप रेखा के इधर बना, वैसा ही ठीक उधर आया। भोर …

Hindi Poem of Jagdish Gupt “  Sparsh geet”,”स्पर्श गीत” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

स्पर्श गीत  Sparsh geet   शब्द से मुझको छुओ फिर, देह के ये स्पर्श दाहक हैं। एक झूठी जिंदगी के बोल हैं, उद्धोष हैं चल के, ये असह, ये …