Tag: Hindi Poems

Hindi Poem of Jagdish Gupt “  Saanjh 11”,”साँझ-11” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

साँझ-11  Saanjh 11   खिल उठा मुकुल-दल सुरिमत,  छिव अखिल भुवन में छाई।  साकार हो गई सहसा,  जैसे तरू की तरूणाई।।१५१।।  कामिनी-कुंज में खोई,  रजनी की सारी माया। तारक …

Hindi Poem of Dinesh Singh “Bahut din ke baad”,”बहुत दिन के बाद” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

बहुत दिन के बाद  Bahut din ke baad बहुत दिन के बाद देखा है बहुत दिन के बाद आए हो यह तमाशा कहाँ देखा था जो तमाशा तुम दिखाए …

Hindi Poem of Jagdish Gupt “  Saanjh 10”,”साँझ-10” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

साँझ-10  Saanjh 10   ऊषा के सिमत-गत की, गति से हिल उठीं हिलोरें। किरनों के अनुशासन में, सन गई जलद की कोरें।।१३६।। मेरे प्रसुप्त पौरूष में, तुम प्रकृति बने …

Hindi Poem of Jagdish Gupt “ Saanjh 9”,”साँझ-9” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

साँझ-9 Saanjh 9   नन्हीं-नन्हीं बँूदों से, शीतलता बिखर रही थी। निमर्ल जल से घुल-घुल कर, हिरयाली निखर रही थी।।१२१।। झुक गई दूब की पलकें, आँसू का भार सम्हाले। …

Hindi Poem of Dinesh Singh “Dwand”,”द्वंद्व” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

द्वंद्व  Dwand रहते हैं अपने घर में उनके घर की कहते हैं मन नद्दी-नालों में कितने परनाले बहते हैं कितना पानी हुआ इकट्ठा बस्ती में आबादी में बहकर आया …

Hindi Poem of Jagdish Gupt “  Saanjh 8”,”साँझ-8” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

साँझ-8  Saanjh 8   नयनों ने जैसे कोई, उत्सुक उत्सव देखा हो। श्यामल पुतली के ऊपर, बन गई एक रेखा हो।।१०६।। अमृत की प्यासी आँखें, मुख छिव तकती घूमेंगी। …

Hindi Poem of Dinesh Singh “Dhup ke nakhre badhe”,”धूप के नखरे बढ़े” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

धूप के नखरे बढ़े  Dhup ke nakhre badhe शीत की अंगनाइयों में धूप के नखरे बढ़े  बीच घुटनों के धरे सिर पत्तियों के ओढ़  सपने नीम की छाया छितरकर …