Tag: Hindi Poems
साँझ-7 Saanjh 7 खो गया गगन पलकों में, पुतली पर तम की छाया। धीरे-धीरे नयनों के – तारों में चाँद समाया।।९१र्।। विधु को छूने के पहले, पड़ी दृष्टि …
कोख बाघिन की Kokh baghin ki समय में ही समय का बनकर रहूँ नींव रख दूँ या नए दिन की रात-दिन में फ़र्क कोई है कहाँ बस, उजाला बीच …
आ गए पंछी Aa gye panchi आ गए पंछी नदी को पार कर इधर की रंगीनियों से प्यार कर उधर का सपना उधर ही छोड़ आए हमेशा के वास्ते …
साँझ-6 Saanjh 6 मत मेरी आेर निहारो, मेेरी आँखें हैं सूनी। फिर सुलग उठेंगी सँासें, फिर धधक उठेगी धूनी।।७६।। धीरे-धीरे होता है, उर पर प्रहार आँसू का। नभ …
कब तक फूलोगी Kab tak fulogi ओ, आँगन की बेल भला तुम कब तक फूलोगी? बिटिया ने पूछा- जल्दी-जल्दी कैसे बढ़ती हो? तुम पकड़ तने को जकड़, पेड़ पर …
साँझ-5 Saanjh 5 करूणा की गहरी धारा, अभिलाषाआें की आँधी। मैंने पलकों में रोकी, मैंने सासों से बाँधी।।६१।। कोमलता बनी कहानी, मैं निष्ठुरता से हारा। किन शैलों से …
हम देहरी-दरवाज़े ! Hum dehri darvaje राजपाट छोड़कर गए राजे-महाराजे हम उनके कर्ज पर टिके देहरी-दरवाजे चौपड़ ना बिछी पलंग पर मेज़ पर बिछी पैरों पर चाँदनी बिछी सेज …
सरपंच जी ! Sarpanch ji गाँव से लौटे हुए सपने चुरा कर साथ लाए फूल सरसों के! गुल ने पूछा गली की धूल ने पूछा- कहो क्या हाल है? …