Tag: Hindi Poems

Hindi Poem of Dinesh Singh “Aansu bahakar”,”आँसू बहाकर” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

आँसू बहाकर  Aansu bahakar दर्द के हम भगीरथ तप-बल बढ़ाकर नदी का उत्सव बने आँसू बहाकर उजाले की शक्ल में पसरा अँधेरा इसी करतब पर हुआ है यह सवेरा …

Hindi Poem of Dinesh Singh “Sab jute he”,”सब जुटे हैं” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

सब जुटे हैं  Sab jute he सब जुटे हैं खिलाने में फूल गूलर के भूलकर रिश्ते पुराने प्रिया-प्रियवर के गगन के मिथ से जुड़ा है चाँद तारे तोड़ना या …

Hindi Poem of Dinesh Singh “Geet ki samvedana”,”गीत की संवेदना” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

गीत की संवेदना  Geet ki samvedana वैश्विक फलक पर गीत की सम्वेदना है अनमनी तुम लौट जाओ प्यार के संसार से मायाधनी यह प्रेम वह व्यवहार है जो जीत …

Hindi Poem of Dinesh Singh “Chide ki vyatha”,”चिड़े की व्यथा” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

चिड़े की व्यथा  Chide ki vyatha नये समय की चिड़िया चहकी बहकी हवा बजे मीठे स्वर सारंगी के तारों जैसी काँप रही जज़्बातों की लर छुप-छुपकर मिलती रहती है …

Hindi Poem of Dinesh Singh “Ran me baras karte hue”,”रण में बसर करते हुए” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

रण में बसर करते हुए  Ran me baras karte hue व्यूह से तो निकलना ही है समर करते हुए रण में बसर करते हुए । हाथ की तलवार में …

Hindi Poem of Dinesh Singh “Me gane lagta”,”मैं गाने लगता” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

मैं गाने लगता  Me gane lagta अक्सर क्या होता मुझको जो मन ही मन शर्माने लगता तुम रोती, मैं गाने लगता तुम घर मैं कितना खटती हो कितने हिस्सों …

Hindi Poem of Dinesh Singh “Sara Ghar aag aag ho gya”,”सारा घर आग-आग हो गया” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

सारा घर आग-आग हो गया  Sara Ghar aag aag ho gya खिली धूप तुझको कह देने से चेहरा-चेहरा चिराग़ हो गया । तुझको चन्द्रमुखी कह दिया सारा घर आग-आग …