Tag: Hindi Poems
उतरी शाम Utari sham झुरमुट में दुपहरिया कुम्हलाई खोतों पर अँधियारी छाई पश्चिम की सुनहरी धुंधराई टीलों पर, तालों पर इक्के दुक्के अपने घर जाने वालों पर धीरे-धीरे उतरी …
उत्तर नहीं हूँ Uttar nahi hu उत्तर नहीं हूँ मैं प्रश्न हूँ तुम्हारा ही! नये-नये शब्दों में तुमने जो पूछा है बार-बार पर जिस पर सब के सब केवल …
अँजुरी भर धूप Anjuri bhar dhoop आँजुरी भर धूप-सा मुझे पी लो! कण-कण मुझे जी लो! जितना हुआ हूँ मैं आज तक किसी का भी – बादल नहाई घाटियों …
क्या इनका कोई अर्थ नहीं Kya inka koi arth nahi ये शामें, सब की शामें… जिनमें मैंने घबरा कर तुमको याद किया जिनमें प्यासी सीपी-सा भटका विकल हिया जाने …
दिन ढले की बारिश Din Dhale ki barish बारिश दिन ढले की हरियाली-भीगी, बेबस, गुमसुम तुम हो और, और वही बलखाई मुद्रा कोमल शंखवाले गले की वही झुकी-मुँदी पलक …
सुभाष की मृत्यु पर Subhash ki Mrityu par दूर देश में किसी विदेशी गगन खंड के नीचे सोये होगे तुम किरनों के तीरों की शैय्या पर मानवता के तरुण …
ढीठ चांदनी Dheeth chandni आज-कल तमाम रात चांदनी जगाती है मुँह पर दे-दे छींटे अधखुले झरोखे से अन्दर आ जाती है दबे पाँव धोखे से माथा छू निंदिया उचटाती …
प्रार्थना की कड़ी Prarthana ki kadi प्रार्थना की एक अनदेखी कड़ी बाँध देती है, तुम्हारा मन, हमारा मन, फिर किसी अनजान आशीर्वाद में-डूबन मिलती मुझे राहत बड़ी! प्रात सद्य:स्नात …