Tag: Hindi Poems
बेच दिए हैं मीठे सपने Bech diye he mithe sapne हमने तो अनुभव के हाथ बेच दिए हैं मीठे सपने सूरज के छिपने के बाद हुए बहुत मौलिक अनुवाद …
जंगल उग आए Jangal ug aaye भाव-विहग उड़ इधर-उधर दुख दाने चुग आए मन पर घनी वनस्पतियों के जंगल उग आए चीते-जैसे घात लगाए कई कुटिलताएँ मुग्ध हिरन की …
लौटना पड़ेगा फिर-फिर घर Lotna padega fir fir ghar घर की देहरी पर छूट गए संवाद याद यों आएँगे यात्राएँ छोड़ बीच में ही लौटना पड़ेगा फिर-फिर घर यह …
बहुत दूर डूबी पदचाप Bahut door dubi padchap गीतों के मधुमय आलाप यादों में जड़े रह गए बहुत दूर डूबी पदचाप चौराहे पड़े रह गए देखभाल लाल-हरी बत्तियाँ तुमने …
उग आई नागफनी Oog aai nagfali हमने कलमें गुलाब की रोपी थीं पर गमलों में उग आई नागफनी जीवन ऐसे मोड़ों तक आ पहुँचा आ जहाँ हृदय को सपने …
कुछ क्षणिकाएँ Kuch Kshnikaye दायित्व पंखों में बांधकर पहाड़ उड़ने को कह दिया गया। ध्वजारोहण शौर्य शांति और समृध्दि को काले पहिए से बांधकर बाँस पर लटका दिया गया …
मौसम के कागज़ पर Mausam ke kagaj par मौसम के कागज़ पर आज लिखा था सूरज पर काले मेघ और बारिश ने घेर लिया सुबह-दोपहर-संध्या, सबने यह देखा पर …
नहीं झुकता, झुकाता भी नहीं हूँ Nahi jhukta, jhukta bhi nahi hu नहीं झुकता, झुकाता भी नहीं हूँ जो सच है वो, छिपाता भी नहीं हूँ जहाँ सादर नहीं …