Tag: Hindi Poems
गाँधीजी के बन्दर तीन Gandhiji ke bander teen गाँधीजी के बन्दर तीन, सीख हमें देते अनमोल । बुरा दिखे तो दो मत ध्यान, बुरी बात पर दो मत …
कौन चुनौती स्वीकारेगा ? Kaun chunoti swikarega मन की गहरी घाटी में क्या उतरेगा कोई जो उतरेगा वह फिर उससे निकल न पाएगा । फिसलन भरे, नुकीले पत्थर वाले …
इस तरह तो Is tarha to इस तरह तो दर्द घट सकता नहीं इस तरह तो वक़्त कट सकता नहीं आस्तीनों से न आँसू पोछिए और ही तदबीर …
झाँकते हैं फिर नदी में पेड़ Jhankte he fir nadi me ped झाँकते हैं फिर नदी में पेड़ पानी थरथराता है यह नुकीले पत्थरों का तल काटता है धार …
क़तआत kataat जानता हूँ कि ग़ैर हैं सपने और खुशियाँ भी ये अधूरी हैं किंतु जीवन गुज़ारने के लिए कुछ ग़लत फ़ेहमियाँ ज़रूरी हैं हसरतों की ज़हर बुझी …
स्वप्निल आकांक्षा Swapneel Akanksha स्वप्न की झील में तैरता मन का यह सुकोमल कमल चंद्रिका-स्नात मधु रात में हो हमारा-तुम्हारा मिलन दूर जैसे क्षितिज के परे झुक रहा हो …
पाँच मुक्तक Panch Muktak मेरा विश्वास पराजय को ज़हर होता है मेरा उल्लास उदासी को क़हर होता है मुझे घिरते हुए अँधियारे की परवाह क्या मेरी हर बात …
कक्षा से भटका हुआ उपग्रह हूँ Kaksha se bhatka hua upgrah hu मैं धरा-गगन दोनों से छूट गया संपर्क संचरण-ध्रुव से टूट गया कक्षा से भटका हुआ उपग्रह हूँ …