Tag: Munshi Premchand Stories
शोक का पुरस्कार Shok ka puraskar शोक का पुरस्कार प्रेमचंद आज तीन दिन गुज़र गये। शाम का वक्त था। मैं युनिवर्सिटी हॉल से खुश-खुश चला आ रहा था। …
शेख़ मख़मूर Shekh Makhmoor शेख़ मख़मूर प्रेमचंद मुल्के जन्नतनिशाँ के इतिहास में बहुत अँधेरा वक़्त था जब शाह किशवर की फ़तहों की बाढ़ बड़े ज़ोर-शोर के साथ उस पर …
लेखक Lekhak लेखक प्रेमचंद प्रात:काल महाशय प्रवीण ने बीस दफा उबाली हुई चाय का प्याला तैयार किया और बिना शक्कर और दूध के पी गये। यही उनका नाश्ता था। …
राजपूत कैदी Rajput kedi राजपूत कैदी तोल्सतोय अनुवाद – प्रेमचंद धर्म सिंह नामी राजपूत राजपूताना की सेना में एक अफसर था। एक दिन माता की पत्री आई कि मैं …
रहस्य Rahasya रहस्य प्रेमचंद विमल प्रकाश ने सेवाश्रम के द्वार पर पहुँचकर जेब से रूमाल निकाला और बालों पर पड़ी हुई गर्द साफ की, फिर उसी रूमाल से जूतों …
रक्षा में हत्या Raksha me hatya रक्षा में हत्या प्रेमचंद (प्रेमचंद के जीवन-काल में उनकी अनेक कहानियों का अनुवाद जापानी, अंग्रेजी आदि विदेशी भाषाओं में तो हुआ ही, अनेक …
यही मेरा वतन Yahi mera vatan यही मेरा वतन प्रेमचंद आज पूरे साठ बरस के बाद मुझे अपने वतन, प्यारे वतन का दर्शन फिर नसीब हुआ। जिस वक़्त मैं …
यह भी नशा, वह भी नशा Yah bhi nasha vah bhi nasha यह भी नशा, वह भी नशा प्रेमचंद होली के दिन राय साहब पण्डित घसीटेलाल की बारहदरी में …