Tag: Munshi Premchand Stories
मेरी पहली रचना Meri pehli rachna मेरी पहली रचना प्रेमचंद उस वक्त मेरी उम्र कोई १३ साल की रही होगी। हिन्दी बिल्कुल न जानता था। उर्दू के उपन्यास पढ़ने-लिखने …
मिट्ठू Mithu मिट्ठू प्रेमचंद बंदरों के तमाशे तो तुमने बहुत देखे होंगे। मदारी के इशारों पर बंदर कैसी-कैसी नकलें करता है, उसकी शरारतें भी तुमने देखी होंगी। तुमने उसे …
मनुष्य का जीवन आधार क्या है ? Manushya ka jeevan aadhar kya he? मनुष्य का जीवन आधार क्या है तोल्सतोय अनुवाद – प्रेमचंद माधो नामी एक चमार जिसके न …
मंगल सूत्र भाग 2 Mangal Sutra Bhag 2 मंगल सूत्र भाग 2 मि.सिन्हा उन आदमियों में हैं जिनका आदर इसलिए होता है कि लोग उनसे डरते हैं उन्हें ेदेखकर …
मंगल सूत्र भाग 1 Mangal Sutra Bhag 1 मंगल सूत्र प्रेमचंद भाग 1 प्रेमचंद का आखिरी उपन्यास, जिसे वे पूरा न कर सके) बड़े बेटे संतकुमार को वकील बना …
प्रेम में परमेश्वर Prem me Parmeshwar प्रेम में परमेश्वर तोल्सतोय अनुवाद – प्रेमचंद किसी गांव में मूरत नाम का एक बनिया रहता था। सड़क पर उसकी छोटीसी दुकान थी। …
प्रेम की होली Prem ki holi प्रेम की होली प्रेमचंद गंगी का सत्रहवाँ साल था, पर वह तीन साल से विधवा थी, और जानती थी कि मैं विधवा हूँ, …
पागल हाथी Pagal Hathi पागल हाथी प्रेमचंद मोती राजा साहब की खास सवारी का हाथी। यों तो वह बहुत सीधा और समझदार था, पर कभी-कभी उसका मिजाज गर्म हो …