Tag: Tenali Rama Stories
कुएं का विवाह Kuve ka vivah एक बार राजा कॄष्णदेव राय और तेनालीराम के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया। तेनालीराम रुठकर चले गए। आठ-दस दिन …
कीमती उपहार Kimati uphar लड़ाई जीतकर राजा कृष्णदेव राय ने विजय उत्सव मनाया। उत्सव की समाप्ति पर राजा ने कहा- ‘लड़ाई की जीत अकेले मेरी जीत नहीं है-मेरे सभी …
कितने कौवे Kitne Kove महाराज कॄष्णदेव राय तेनालीराम का मखौल उडाने के लिए उल्टे-पुल्टे सवाल करते थे। तेनालीराम हर बार ऐसा उत्तर देते कि राजा की बोलती बन्द हो …
ऊँट का कूबड Unth ka kubad एक बार राजा कॄष्णदेव राय तेनाली राम के किसी तर्क से बहुत प्रसन्न हुए और बोले, “तेनाली, तुमने आज मुझे प्रसन्न कर दिया, …
उधार का बोझ Udhar ka bojh एक बार किसी वित्तीय समस्या में फ़ँसकर तेनाली राम ने राजा कॄष्णदेव राय से कुछ रुपए उधार लिए थे। समय बीतता गया और …
अपराधी Apradhi एक दिन राजा कॄष्णदेव राय व उनके दरबारी, दरबार में बैठे थे। तेनाली राम भी वहीं थे । अचानक एक चरवाहा वहॉ आया और बोला, ” महाराज, …
अपमान का बदला Apman ka Badal तेनालीराम ने सुना था कि राजा कृष्णदेव राय बुद्धिमानों व गुणवानों का बड़ा आदर करते हैं। उसने सोचा, क्यों न उनके यहाँ जाकर …
अन्तिम इच्छा Antim Ichcha समय के साथ-साथ राजा कॄष्णदेव राय की माता बहुत वॄद्ध हो गई थीं। एक बार वह बहुत बीमार पड गई। उन्हें लगा कि अब …