Category: Hindi Poems

Hindi Poem of Shlabh Shri Ram Singh “ Raste me kahi chahne vale bhi padenge” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

रस्ते  में  कहीं  चाहने वाले  भी  पड़ेंगे  Raste me kahi chahne vale bhi padenge रस्ते  में  कहीं  चाहने वाले  भी  पड़ेंगे दिल है तो कभी जस के लाले भी …

Hindi Poem of Shlabh Shri Ram Singh “Ladki akeli he is waqt“ , “लड़की अकेली है इस वक़्त” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

लड़की अकेली है इस वक़्त Ladki akeli he is waqt लडकी अकेली है अपने सुख में अपने दुःख में अकेली है लडकी अकेली है अपनी उत्तेजना और अपने आक्रोश …

Hindi Poem of Shlabh Shri Ram Singh “ Aakhri Tasveer“ , “आख़िरी तस्वीर” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

आख़िरी तस्वीर  Aakhri Tasveer मरते हुए जानवर की आँख में आख़िरी तस्वीर है जंगल की मरती हुई चिड़िया की आँख में तिनके की है आख़िरी तस्वीर मरती हुई लडकी …

Hindi Poem of Shlabh Shri Ram Singh “ Tantah“ , “अंततः” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

अंततः  Tantah अपने ही हाथों मारा जाता है योद्धा अपनी ही क़टार पिस्तौल या बन्दूक से करनी होती है उसको आत्महत्या मृत्यु इसी रूप में आती है उसके पास …

Hindi Poem of Shlabh Shri Ram Singh “ Shayad“ , “शायद” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

शायद  Shayad ताज़ा-पकी रोटियों की महक मेरे नथुनों के आस-पास मंडरा रही है तुम्हें भूख लगी है शायद ठंडे पानी का स्पर्श मेरे गले को सींचता हुआ जान पड़ …

Hindi Poem of Shlabh Shri Ram Singh “ Lamba rasta“ , “लम्बा रास्ता” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

लम्बा रास्ता  Lamba rasta जब भी छोटा हुआ है मेरा रास्ता बड़ा कर लिया है उसे मैंने अपने आप ख़त्म होते रास्ते को बढ़ा देना चढ़ा देना ख़ुद को …

Hindi Poem of Shlabh Shri Ram Singh “ Khatra“ , “ख़तरा” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

ख़तरा  Khatra चीते की तरह होता ही ख़तरा गफ़लत का जायजा लेता चुपचाप दबे पाँव सरकता है बोलने का मौक़ा दिए बगैर दबोच लेने को प्रस्तुत तुम्हारी गफ़लत की …