Category: Hindi Poems

Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “Me jinda hu ye mushthar kijiye“ , “मैं जिन्दा हूँ ये मुश्तहर कीजिए” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

मैं जिन्दा हूँ ये मुश्तहर कीजिए  Me jinda hu ye mushthar kijiye मैं ज़िन्दा हूँ यह मुश्तहर1 कीजिए मेरे क़ातिलों को ख़बर कीजिए । ज़मीं सख़्त है आसमां दूर …

Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “Sanadhwan e takdis e mishrak kaha he“ , “सनाख्वान-ए-तक्दीस-ए-मश्रिक़ कहाँ हैं?” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

सनाख्वान-ए-तक्दीस-ए-मश्रिक़ कहाँ हैं?  Sanadhwan e takdis e mishrak kaha he ये कूचे ये नीलाम घर दिलकशी के ये लुटते हुए कारवां जिन्दगी   के कहाँ हैं, कहाँ हैं, मुहाफ़िज़ ख़ुदी …

Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “Isi dorahe par“ , “इसी दोराहे पर” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

इसी दोराहे पर  Isi dorahe par पहलू-ए-शाह में ये दुख़्तर-ए-जमहूर की क़बर कितने गुमगुश्ता फ़सानों का पता देती है कितने ख़ूरेज़ हक़ायक़ से उठाती है नक़ाब कितनी कुचली हुइ …

Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “Aaj“ , “आज” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

आज  Aaj साथियो! मैंने बरसों तुम्हारे लिए चाँद, तारों, बहारों के सपने बुने हुस्न और इश्क़ के गीत गाता रहा आरज़ूओं के ऐवां सजाता रहा मैं तुम्हारा मुगन्नी, तुम्हारे …

Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “Khun fir khun he“ , “ख़ून फिर ख़ून है” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

ख़ून फिर ख़ून है  Khun fir khun he ज़ुल्म फिर ज़ुल्म है, बढ़ता है तो मिट जाता है ख़ून फिर ख़ून है टपकेगा तो जम जाएगा तुमने जिस ख़ून …

Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “Ek Mulakat“ , “एक मुलाक़ात” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

एक मुलाक़ात  Ek Mulakat तिरी तड़प से न तड़पा था मेरा दिल,लेकिन तिरे सुकून से बेचैन हो गया हूँ मैं ये जान कर तुझे जाने कितना ग़म पहुचें कि …

Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “ Sadiyo se insane yah suntan aaya he“ , “सदियों से इन्सान यह सुनता आया है” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

सदियों से इन्सान यह सुनता आया है  Sadiyo se insane yah suntan aaya he सदियों से इन्सान यह सुनता आया है दुख की धूप के आगे सुख का साया …

Hindi Poem of Ashniv Singh Chaohan “  Esa var de “ , “ऐसा वर दे!” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

ऐसा वर दे!  Esa var de   अनगढ़ वाणी को हे स्वरदेवी, अपना स्वर दे! भीतर-बाहर घना अँधेरा दूर-दूर तक नहीं सबेरा दिशाहीन है मेरा जीवन ममतामयी, उजाला भर …