Category: Hindi Poems
मास्टर की छोरी Master ki chori विद्या का दान चले , जहाँ खुले हाथ , कन्या तो और भी सरस्वती की जात! और सिर पर पिता मास्टर का …
मुक्ति Mukti कोई एहसान नहीं किया हमने तुम पर! यह तो तुम्हारा अधिकार था और हमारा कर्तव्य! पीढियों का ऋण चढा था जो हम पर , उतार, दिया …
मछुआरा Machuara मछुआरा फिर से जाल समेटेगा! हो सावधान री, प्राणों की मछली , तू कितनी बार बची आई ,फिसली , हर बार नहीं बच पाता कोई भी …
धरती का आकर्षषण Dharti ka akarshan मैं इसको छोड़ कहाँ जाऊँ ,इस धरती का आकर्षण है! ऊँचे पर्वत , गहरे सागर ,ये वन सरितायें ,ग्राम-नगर ऋतुओं के नित-नित …
विपथगा Vipathga प्राणों में जलती आग , हृदय में यग-युग का वेदना-भार , नयनों मे पानी ,अधरों पर चिर-हास लिये! मैं चली वहाँ से जहाँ न थी पथ …
यात्रा Yatra पुकार आ रही है! आसार बन रहे हैं एक नई यात्रा के! आहट सुन कसक उठी भीतर से; हर यात्रा की पूर्व संध्या होता है ऐसा! …
किरातिन Kiratin किस किरातिन ने लगा दी आग, धू-धू जल उठा वन! रवि किरण जिसका सरस तल छू न पाई युगों तक पोषित धरित्री ने किया जिनको …
याचक Yachak वह प्रथम रात्रि,आ गई मिलन की बेला लज्जित नयनों में स्वप्न सजा अलबेला पद-चाप और आ गया प्रतीक्षित वह पल अवगुंठन-से नीचे झुक गये पलक दल …