Category: Hindi Poems
जैसा दिखता है Jesa dikhta he वैसा नहीं है और न धरती जैसी दिखती है वैसी है ठीक नहीं कह सकता कोई वह कैसा है यह कैसी है …
बच्चे मन के सच्चे Bache men ke sache बच्चे मन के सच्चे सारी जग के आँख के तारे ये वो नन्हे फूल हैं जो भगवान को लगते प्यारे खुद …
एक क्षण के लिए Ek kshan ke liye अपने को आप जैसा पाया मैंने आसमान तब सिर पर उठाया मैंने और दे मारा मैंने उसे ज़मीन पर हंसी …
सुनाई पड़ते हैं Sunai padta he सुनाई पड़ते हैं कभी कभी उनके स्वर जो नहीं रहे दादाजी और बाई और गिरिजा और सरस और नीता और प्रायः सुनता …
लागा चुनरी में दाग Laga chunri me daag लागा, चुनरी में दाग, छुपाऊँ कैसे लागा, चुनरी में दाग चुनरी में दाग, छुपाऊँ कैसे, घर जाऊँ कैसे लागा, चुनरी में …
मुझे अफ़सोस है Mujhe afsos he या कहिए मुझे वह है जिसे मैं अफ़सोस मानता रहा हूँ क्योंकि ज़्यादातर लोगों को ऐसे में नहीं होता वह जिसे मैं …
निगाहें मिलाने को जी चाहता है Nigahe milane ko ji chahta he राज़ की बात है मेहफ़िल में कहें या न कहें बस गया है कोई इस दिल में …
तुम भीतर Tum Bhitar और समेटे हों कविता नहीं बनेगी वह क्योंकि कविता तो बाहर है तुम्हारे अपने भीतर को बाहर से जोड़ोगे नहीं बाहर जिस-जिस तरफ़ जहाँ …