Category: Hindi Poems
हिंदी में बोलूँ Hindi me bolu जो सोचूँ हिंदी में सोचूँ जब बोलूँ हिंदी में बोलूँ जन्म मिला हिंदी के घर में, हिंदी दृश्य-अदृश्य दिखाए। जैसे माँ अपने बच्चे …
अब के सावन में शरारत Ab ke savan me shararat अब के सावन में शरारत ये मेरे साथ हुई मेरा घर छोड़ के कुल शहर में बरसात हुई …
एक से एक बढ़ के Ek se ek badh ke हमारे एक फ्रैंड हैं सूरत-शक्ल से बिल्कुल इंग्लैंड हैं एक दिन बोले- “यार तीन लड़के हैं एक से एक …
पीछे Piche गुमनामियों मे रहना, नहीं है कबूल मुझको चलना नहीं गवारा, बस साया बनके पीछे.. वो दिल मे ही छिपा है, सब जानते हैं लेकिन क्यूं भागते फ़िरते …
तू-तू, मैं-मैं Tu-tu, Me-me अकारण ही पड़ोसन काकी और मेरी घरवाली में छिड़ गया वाक-युद्ध कोयल-सी मधुर आवाज़ बदल गई गाली में ये भी क्रुद्ध वे भी क्रुद्ध छूटने …
दूर से दूर तलक एक भी दरख्त न था Door se door talak ek bhi darakhat na tha दूर से दूर तलक एक भी दरख्त न था| तुम्हारे घर …
अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए Ab to mazhab koi esa bhi chalaya jaye अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए। जिसमें इंसान को इंसान …
हम तेरी चाह में, ऐ यार ! वहाँ तक पहुँचे Hum teri chah me, ae yar vaha tak pahuche हम तेरी चाह में, ऐ यार! वहाँ तक पहुँचे …