Category: Hindi Poems
दिल ने हमारे बैठे बैठे कैसे कैसे रोग लगाये Dil ne hamare bethe bethe kese kese rog lagaye दिल ने हमारे बैठे बैठे कैसे कैसे रोग लगाये तुम ने …
हम भी दुखी तुम भी दुखी Hum bhi dukhi tum bhi dukhi रातरानी रात में दिन में खिले सूरजमुखी किन्तु फिर भी आज कल हम भी दुखी तुम …
जब दहर के ग़म से अमाँ न मिली हम लोगों ने इश्क़ ईजाद किया Jab dahar ke gam se ama na mili hum logo ne ishq ijad kiya जब …
ओ प्रिया O Priya ओ प्रिया पिन्हाऊँ तुम्हें जुही के झुमके। इस फूली संझा के तट पर, आ बैठें बिल्कुल सट-सटकर, दृष्टि कहे जो उसे सुनें तो अर्थ …
चल इंशा अपने गाँव में Chal insha apne gaun me यहाँ उजले उजले रूप बहुत पर असली कम, बहरूप बहुत इस पेड़ के नीचे क्या रुकना जहाँ साये कम, …
जस का तस Jas ka tas शाख़-शाख़ बुलबुल लिखती है पत्ता-पत्ता गुल लिखती है । बेटी माँ से जो पढ़ती है बच्चों में वो कुल लिखती है । …
जल्वा-नुमाई बेपरवाई हाँ यही रीत जहाँ की है Jalva numai beparvai ha yahi reet jaha ki he जल्वा-नुमाई बेपरवाई हाँ यही रीत जहाँ की है कब कोई लड़की मन …
दृश्य घाटी में Drishya ghati me बीत गए दिन फूल खिलने के। होती हैं केवल वनस्पतियाँ हरी-हरी-सी हर गली हर मोड़ पर बैठी मौत अपनी बाँह फैलाकर। बर्फ़-सा …