Category: Hindi Poems
चलना हमारा काम है – शिवमंगल Chalna Hamara Kaam Hai –Shivmangal Singh ‘Suman’ सिंह ‘सुमन’ गति प्रबल पैरों में भरी फिर क्यों रहूं दर दर खडा जब आज मेरे …
वरदान माँगूँगा नहीं- शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ Vardan Mangunga Nahi –Shivmangal Singh ‘Suman’ यह हार एक विराम है जीवन महासंग्राम है तिल-तिल मिटूँगा पर दया की भीख मैं लूँगा नहीं। …
तूफानों की ओर घुमा दो नाविक – शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ Tufano ki or ghuma do navik –Shivmangal Singh ‘Suman’ तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार आज सिन्धु …
देव! दूसरो कौन दीनको दयालु -तुलसीदास Dev dusro kon dinko dyalu -Tulsidas देव! दूसरो कौन दीनको दयालु। सीलनिधान सुजान-सिरोमनि, सरनागत-प्रिय प्रनत-पालु॥१॥ को समरथ सर्बग्य सकल प्रभु, सिव-सनेह मानस-मरालु। …
तऊ न मेरे अघ अवगुन गनिहैं -तुलसीदास Tau na mere adh avgun Ganihein -Tulsidas तऊ न मेरे अघ अवगुन गनिहैं। जौ जमराज काज सब परिहरि इहै ख्याल उर …
लाभ कहा मानुष-तनु पाये -तुलसीदास Labh Kaha manush tanu paye -Tulsidas लाभ कहा मानुष-तनु पाये। काय-बचन-मन सपनेहु कबहुँक घटत न काज पराये॥१॥ जो सुख सुरपुर नरक गेह बन …
धनुर्धर राम -तुलसीदास Dhanurdhar Ram -Tulsidas सुभग सरासन सायक जोरे॥ खेलत राम फिरत मृगया बन, बसति सो मृदु मूरति मन मोरे॥ पीत बसन कटि, चारू चारि सर, चलत …
बिनती भरत करत – करत कर जोरे -तुलसीदास Binti bharat karat karat kar jore -Tulsidas बिनती भरत करत कर जोरे। दिनबन्धु दीनता दीनकी कबहुँ परै जनि भोरे॥१॥ तुम्हसे …