Category: Hindi Poems
पुस्तक Pustak मुझको तो पुस्तक तुम सच्ची अपनी नानी \/ दादी लगती ये दोनों तो अलग शहर में पर तुम तो घर में ही रहती जैसे नानी दुम दुम …
धातुएँ Dhatuye सूर्य से अलग होकर पृथ्वी का घूमना शुरू हुआ शुरू हुआ चुंबकत्व धातुओं की भूमिका शुरू हुई धातु युग से पहले भी था धातु युग धातु …
उम्मीद Umeed समय ठहरता है तो जागती है उम्मीद अँखुवाते ही ताकत उम्मीद की काल हो जाता है रफूचक्कर। बहुत दूर तक खुल जाते हैं रास्ते पड़ाव हो उठते …
सेतु Setu सेनाएँ जब सेतु से गुज़रती हैं तो सैनिक अपने क़दमों की लय तोड़ देते हैं क्योंकि इससे सेतु टूट जाने का ख़तरा उठ खड़ा होता है …
चलो सुनाओ नयी कहानी Chalo sunao nayi kahani अगर सुनानी तो नानू बस झट सुना दो एक कहानी देर करोगे तो सच कहती अभी बुलाती हूँ मैं नानी बोली …
इस बारिश में Is barish me जिसके पास चली गयी मेरी ज़मीन उसी के पास अब मेरी बारिश भी चली गयी अब जो घिरती हैं काली घटाएं उसी …
मिट्टी Mitti नफ़रत पैदा करती है नफ़रत और प्रेम से जनमता है प्रेम इंसान तो इंसान, धर्मग्रंथों का यह ज्ञान तो मिट्टी तक के सामने ठिठककर रह जाता …
बहुत कुछ है अभी Bahut kuch he abhi कितनी भी भयानक हों सूचनाएँ क्रूर हों कितनी भी भविष्यवाणियाँ घेर लिया हो चाहे कितनी ही आशंकाओं ने पर है अभी …