Category: Hindi Poems
दिखाना Dikhana तैरता हुआ चांद मछलियों के जाल में नहीं फँसता जब सारा पानी जमकर हो जाता है बर्फ़ वह चुपके से बाहर खिसक लेता है जब झील …
तुम वही मन हो कि कोई दूसरे हो Tum vahi man ho ki koi dusre ho कल तुम्हें सुनसान अच्छा लग रहा था आज भीड़ें भा रही हैं …
पूरा आदमी Pura Aadmi आकाश चीख़ नहीं सकता हम चीख़ सके हैं आकाश में कोई क्या चीख़ सकता है हम में? Related posts: Hindi Poem of Gopaldas Neeraj’“Aadmi …
रह-रह कर आज साँझ मन टूटे Rah rah kar aaj sanjh man tute रह-रह कर आज साँझ मन टूटे- काँचों पर गिरी हुई किरणों-सा बिछला है तनिक देर …
आए भी तो Aaye bhi to आए भी तो आए जाने की तरह आप चलिए निभाने को, आए तो सही आप आई हवा और गिरा कर चली गई तनकीद …
सुनो चारुशिला Suno charushila तुम अपनी दो आँखों से देखती हो एक दृश्य दो हाथों से करती हो एक काम दो पाँवों से दो रास्तों पर नहीं एक …
ख़ौफ के बाहर Khof ke bahar मैं चौंका जब कहा उसने कि जब भी चाहा घर लौटना लगता रहा ख़ौफ गो कि हर्ज़ न था लौटने में सोचता हूँ …
सूनी सँझा, झाँके चाँद Suni sanjh jhanke chand सूनी सँझा, झाँके चाँद मुँडेर पकड़ कर आँगना हमें, कसम से, नहीं सुहाता- रात-रात भर जागना । रह-रह हवा सनाका …