Category: Hindi Poems
हंस माला चल Hans mala chal हंस माला चल, बुलाता है तुझे फिर मानसर शून्य है तेरे लिए मधुमास के नभ की डगर हिम तले जो खो गयी …
आवाज़ आग भी तो हो सकती है Aawaz aag bhi to ho sakti he देखे हैं मैंने तालियों के जंगल और बियाबान भी । बहुत ख़ामोश होते हैं तालियों …
गंगा, बहती हो क्यूँ Ganga bahti ho kyu विस्तार है अपार.. प्रजा दोनो पार.. करे हाहाकार… निशब्द सदा ,ओ गंगा तुम, बहती हो क्यूँ?.. नैतिकता नष्ट हुई, मानवता …
हर लिया क्यों शैशव नादान Har liya kyo sheshav nadan हर लिया क्यों शैशव नादान? शुद्ध सलिल सा मेरा जीवन, दुग्ध फेन-सा था अमूल्य मन, तृष्णा का संसार …
आकाश से झरता लावा Aakash se jharta lava राजनीति नहीं छोड़ती अपनी माँ-बहिन को भी जैसे रही है कहावत कि नहीं छोड़ते कई अपने बाप को भी । ताज्जुब …
मधु के दिन मेरे गए बीत Madhu ke din mere gye beet मधु के दिन मेरे गए बीत!(२) मैँने भी मधु के गीत रचे, मेरे मन की मधुशाला …
उनका दर्द मेरी ज़ुबान Unka dard meri juban हमारे समय की सबसे बड़ी त्रासदी शायद वह आतंकवादी भी नहीं है जो भून डालता है महज भूनने के लिए जिसके …
नींद उचट जाती है Nind uchat jati he जब-तब नींद उचट जाती है पर क्या नींद उचट जाने से रात किसी की कट जाती है? देख-देख दु:स्वप्न भयंकर, …