Hindi Poem of Ashniv Singh Chaohan “  Ab to jago “ , “अब तो जागो !” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

अब तो जागो !

 Ab to jago

 

हमारे बहते आँसू

लहूलुहान मन

और तन

जिस पर

करते आए हैं

प्रहार

जाने कितने लोग

सदियाँ गुजर गईं

पीड़ाएँ भोगती रहीं

हमारी पीढियां

हमने

फूल दिए

फल दिए

और दीं

तमाम औषधियाँ

फिर भी

हम रहे

उपेक्षित

पीड़ित

अपने ही घर में

अपनों के ही बीच

अब तो जागो-

हे कर्णधारो!

क्योंकि

हम बचेंगे

तो बचेगा

धरा पर

जल और जीवन

 

 

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.