Hindi Poem of Budhinath Mishra “ Chandrama”,”चन्द्रमा” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

चन्द्रमा

 Chandrama

चौरा पर साँझ दीप बारि कें

पूजा सँ प्यार बनल चन्द्रमा

राति जेकर ठाँढि धेने ठाढि अछि

गाछ सिंगरहार बनल चन्द्रमा ।

काँच बाँस बान्हल आकाशदीप

बिहुँसल अछि फेर कोनो बात पर

मोती सन आखर सँ प्रेमपत्र

लिखि गेल अछि के पुरइन-पात पर

नीनक मातल चानन गाछ तर

एक समाचार बनल चन्द्रमा ।

अयना मे सतरंगी प्रेमगीत

झलकै अछि माछ जेना जाल मे

कालिन्दी मे नहाइत राधिका-

कृष्णक अभिसार बनल चन्द्रमा ।

कहलो ने मानै मन- मृग जखन

बंसी-स्वर पसरै अछि साँझ-भोर

एखनो धरि मोन परैए अहाँक

गहना छारल देहक पोर-पोर

दूभि-धान पान-फूल सँ भरल

सोना कें थार बनल चन्द्रमा।

 

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