Hindi Poem of Ghalib “Baad Marne ke mere ghar se yaha sama nikla , “बाद मरने के मेरे घर से यह सामाँ निकला” Complete Poem for Class 10 and Class 12

बाद मरने के मेरे घर से यह सामाँ निकला – ग़ालिब

Baad Marne ke mere ghar se yaha sama nikla -Ghalib

 

बूए-गुल, नाला-ए-दिल, दूदे चिराग़े महफ़िल
जो तेरी बज़्म से निकला सो परीशाँ निकला।

चन्द तसवीरें-बुताँ चन्द हसीनों के ख़ुतूत,
बाद मरने के मेरे घर से यह सामाँ निकला।

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