Hindi Poem of Gopal Singh Nepali “Ek rubai”,”एक रुबाई” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

एक रुबाई

 Ek rubai

अफ़सोस नहीं इसका हमको, जीवन में हम कुछ कर न सके,

झोलियाँ किसी की भर न सके, सन्ताप किसी का हर न सके,

अपने प्रति सच्चा रहने का, जीवन भर हमने काम किया,

देखा-देखी हम जी न सके, देखा-देखी हम मर न सके ।

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