Hindi Poem of Jagdish Gupt “ Chayabhas”,”छायाभास” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

छायाभास

 Chayabhas

 

बचपन में

काग़ज़ पर

स्याही की बूंद डाल

कोने को मोड़ कर

छापा बनाया

जैसा रूप

रेखा के इधर बना,

वैसा ही ठीक उधर आया।

भोर के धुंधलके में

ऎसी ही लगी मुझे

छतरीदार नाव के

साथ-साथ चलती हुई छाया ।

 

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