Hindi Poem of Shiv Mangal Singh Suman “  Sahamte Swar 1“ , “सहमते स्वर-1” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

सहमते स्वर-1

 Sahamte Swar 1

 

मालवा में जा बसा

लखनऊ लौटा तो

नए नखत टँके दिखे

वक़्त के गरेबाँ में।

अनायास याद आई

बूढ़ी जीवन संगिनी की

जिसका सब रस लेकर

आज भी मैं छलक रहा

 

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