Hindi Poem of Shlabh Shri Ram Singh “ Shayad“ , “शायद” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

शायद

 Shayad

ताज़ा-पकी रोटियों की महक

मेरे नथुनों के आस-पास मंडरा रही है

तुम्हें भूख लगी है शायद

ठंडे पानी का स्पर्श

मेरे गले को सींचता हुआ जान पड़ रहा  है

तुम्हें प्यास लगी है शायद

बोझिल-बोझिल होती हुई

झपकने लगी हैं मेरी पलकें

तुम्हें नीद आ रही है शायद

 

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