Tag: Hindi Poems

Hindi Poem of Pratibha Saksena “  Yatra”,” यात्रा” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

यात्रा  Yatra   पुकार आ रही है! आसार बन रहे हैं एक नई यात्रा के! आहट सुन कसक उठी भीतर से; हर यात्रा की पूर्व संध्या होता है ऐसा! …

Hindi Poem of Pratibha Saksena “ Kiratin  ”,”किरातिन” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

किरातिन Kiratin     किस किरातिन ने लगा दी आग, धू-धू जल उठा वन! रवि किरण जिसका सरस तल छू न पाई युगों तक पोषित धरित्री ने किया जिनको …

Hindi Poem of Pratibha Saksena “  Yachak”,” याचक” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

याचक  Yachak   वह प्रथम रात्रि,आ गई मिलन की बेला लज्जित नयनों में स्वप्न सजा अलबेला पद-चाप और आ गया प्रतीक्षित वह पल अवगुंठन-से नीचे झुक गये पलक दल …

Hindi Poem of Pratibha Saksena “  Durbhagya”,” दुर्गम्या” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

दुर्गम्या  Durbhagya   कोई तोहमत जड़ दो औरत पर , कौन है रोकनेवाला! कर दो चरित्र हत्या , या धर दो कोई आरोप! हटा दो रास्ते से! हाँ ,वे …

Hindi Poem of Pratibha Saksena “  Remote control”,” रिमोट-कंट्रोल” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

रिमोट-कंट्रोल  Remote control   अब तो तुम्हारा रिमोट कंट्रोल ठीक है मैंने अपनी  मित्र से पूछा ‘मेरी तो समझ में नहीं आता कैसे  अपना लाइट पंखा अपने आप दूसरे …

Hindi Poem of Pratibha Saksena “  Amarnath ke him kapote”,” अमरनाथ के हिम-कपोत” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

अमरनाथ के हिम-कपोत  Amarnath ke him kapote   जब नीलकंठ बोलें, मुंडमाल हिले-डोले, गिरिबाला देख चौंक चौंक जाये, लगे एक-एक मुंड,किसी कथा का प्रसंग लिये भेद कुछ समाये है,छिपाये. …

Hindi Poem of Pratibha Saksena “  Kaun aayen mere sath”,” कौन आएगा मेरे साथ?” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

कौन आएगा मेरे साथ?  Kaun aayen mere sath   हथेली पर धर कर अंगार, चीरने को अथाह अँधियार कौन आएगा मेरे साथ? उमड़ती नेताओं की भीड, जोंक ज्यों, फूले …

Hindi Poem of Pratibha Saksena “  Yachna”,” याचना” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

याचना  Yachna   तपा-तपा कर कंचन कर दे ऐसी आग मुझे दे देना! सारी खुशियाँ ले लो चाहे,तन्मय राग मुझे दे देना! मेरे सारे खोट दोष सब, लपटें दे …