Tag: Hindi Poems
रात भर Raat bhar रात भर चलती हैं रेलें ट्रक ढोते हैं माल रात भर कारख़ाने चलते हैं कामगार रहते हैं बेहोश होशमंद करवटें बदलते हैं रात भर …
सुनहरी पृथ्वी Sunahri prithvi सूरज रात-भर माँजता रहता है काली पृथ्वी को तब जाकर कहीं सुनहरी हो पाती है पृथ्वी Related posts: Hindi Poem of Ashok Vajpayee “ Adhpake …
नीम की पत्तियाँ Neem ki pattiya कितनी सुन्दर होती हैं पत्तियाँ नीम की ये कोई कविता क्या बताएगी जो उन्हें मीठे दूध में बदल देती है उस बकरी …
हाक़िम हैं Hakim he हाकिम हैं बात का बुरा क्योंकर मनाइए उनकी बला से मानिये या रूठ जाइए। घर नहीं दीवानखाने आ गए हैं आप अब उसूलन आप भी …
दिखाना Dikhana तैरता हुआ चांद मछलियों के जाल में नहीं फँसता जब सारा पानी जमकर हो जाता है बर्फ़ वह चुपके से बाहर खिसक लेता है जब झील …
तुम वही मन हो कि कोई दूसरे हो Tum vahi man ho ki koi dusre ho कल तुम्हें सुनसान अच्छा लग रहा था आज भीड़ें भा रही हैं …
पूरा आदमी Pura Aadmi आकाश चीख़ नहीं सकता हम चीख़ सके हैं आकाश में कोई क्या चीख़ सकता है हम में? Related posts: Hindi Poem of Gopaldas Neeraj’“Aadmi …
रह-रह कर आज साँझ मन टूटे Rah rah kar aaj sanjh man tute रह-रह कर आज साँझ मन टूटे- काँचों पर गिरी हुई किरणों-सा बिछला है तनिक देर …